धान की खेती (Paddy farming) करना किसानों के लिए काफी मेहनत भरा होता है, क्योंकि धान की खेती मे किसानों को कई तरह के कार्यों को करना होता हैं. इसकी खेती के लिए पहले किसान को धान की नर्सरी तैयार करनी होती है और नर्सरी तैयार हो जाने के बाद एक-एक पौधे की रोपाई करनी होती है, जिसमें काफी समय और पैसा लगता है। लेकिन आज के इस आधुनिक युग मे कुछ ऐसे कृषि यंत्र भी आ गए हैं जिनके इस्तेमाल से किसान न सिर्फ अपना समय बचाएंगे, बल्कि इससे पैसे और श्रम की भी बचत होती हैं।
धान की खेती मे धान की बिचङो की रोपाई करना काफी थकाने वाला कार्य हैं, आमतौर पर धान की बिचङो की रोपाई हाथ से ही की जाती है जिससे की धान की रोपाई करते समय घंटों तक झुक कर रोपाई करनी होती है। इस प्रक्रिया में समय और लागत काफी ज्यादा लगता है ऐसे में किसानों के लिए कृषि यंत्रों का उपयोग करना काफी अच्छा माना जाता है. वैसे भी मौजूदा समय में मजदूरों की काफी कमी है, क्योंकि खेती-किसानी में फसलों के सीज़न के मुताबिक खेतिहर मजदूरों की ज़रूरत बढ़ती-घटती रहती है, जिससे नियमित काम और आय नहीं होने से कई बार मजदूरों की कमी देखने को मिलता हैं।
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धान की रोपाई करने का कृषि यंत्र
धान की बिचङो की रोपाई करने का कृषि यंत्र है पैडी ट्रांसप्लांटर (Paddy Transplanter) हैं. इसे राइस ट्रांसप्लांटर (Rice Transplanter) के नाम से भी जाना जाता है। इस कृषि यंत्र से धान की बीचङो की रोपाई की जाती है। इस यंत्र से रोपाई करने के लिए मैट टाइप नर्सरी मे धान की बीचङा तैयार किया जाता है। मैट टाइप नर्सरी मे बीचङा मात्र 15 से 18 दिनों मे तैयार हो जाता है. बीचङे को उगाने के लिए ज्यादा जमीन की भी आवश्यकता नहीं होती है।
क्या है पैडी ट्रांसप्लांटर
पैडी ट्रांसप्लांटर धान की रोपाई करने का कृषि यंत्र है जिससे की धान की रोपाई कतारबद्ध तरीके से होती है धान की रोपाई कतारबद्ध होने से धान की फसल मे अगर खरपतवार हो जाए तो इसे निकालने मे भी काफी आसानी होती है इस यंत्र की मदद से एक दिन मे करीब 5 से 6 एकङ खेत की रोपाई की जा सकती है। इस कृषि यंत्र से धान की रोपाई करने पर कम मजदूरों की आवश्यकता होती है तथा इसके साथ ही इससे रोपाई करने पर समय के साथ-साथ खर्च मे भी कमी आती है।
कैसे नर्सरी तैयार करें
पैडी ट्रांसप्लांटर से रोपाई करने के लिए एक खास तरीके से धान के बीचङे को नर्सरी मे तैयार किया जाता है नर्सरी मे बीचङे को तैयार करना काफी आसान है इस तरह से बीचङे को तैयार करने मे समय की बचत होती है तथा इसके साथ ही बीचङे को उगाने के लिए ज्यादा जमीन की भी आवश्यकता नहीं होती है तो चलिए जानते है कि नर्सरी मे बीचङे को कैसे तैयार करते है?
- बीचङा तैयार करने के लिए मृदा मिश्रण बनाना अति आवश्यक होता है जिससे की पौधे को उचित मात्रा मे पोषक तत्व प्राप्त हो। भूमि की उपरी सतह की मिट्टी को इकट्ठा करके तथा फिर उसे सुखाने व भुरभुरी करने के बाद 4-5 मि.मी. छिद्र के आकार की छननी से छन लेते है।
- बीचङे को तैयार करने के लिए नर्सरी बैड को समतल भूमि पर बनाना चाहिये तथा इसके साथ मेढ़/नाली भी बनाना चाहिए. जिससे सिंचाई करने मे आसानी हो एवं आवश्यकता पङने पर पानी निकाला भी जा सके।
- नर्सरी बैड तैयार हो जाने के बाद बेड पर पोलीथीन बिछाकर 1.5 सेंटीमीटर ऊँची मिट्टी की परत फैल दे।
- एक दिन के लिए बीज को पानी में डुबाकर रखे इसके बाद बीज को पानी से निकालकर एक से डेढ़ दिन के लिये पटसन की बोरी/कपड़े से लपेटकर बांध देते है। इस तरह बांधकर रखने से एक से डेढ़ दिन बाद बीज अंकुरित हो जाता है।
- बीज अंकुरित हो जाने के बाद बीज को बेड पर 1 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर मे डाल दे. बोए हुए बीज को मृदा मिश्रण कि पतली परत से ढक दें।
- बीज की बुआई करने के तुरन्त बाद हजारे(झरना) से पानी देना चाहिए। जिससे अंकुरित बीज सूख न पाए। तीन से चार दिन तक इस प्रकार आवश्यकतानुसार पानी देते रहना चाहिए। इस तरह तीन-चार दिन तक पानी देने के बाद बीज अच्छी तरह से जम जाता है. जब पौध की उंचाई बढ़ जाती है तब सतही विधि से सिंचाई की जा सकती है।
- लगभग 15 से 18 दिनों मे पौध में 3-4 पत्तियां आ जाती है एवं इनकी ऊंचाई भी 15 सेंटीमीटर के करीब हो जाती है तो ऐसे मे पौध रोपाई के लिए तैयार हो जाती है।
- जब पौध रोपाई के लिए तैयार हो जाती है तो ऐसे मे मशीन की ट्रे की साईज के अनुसार बेड से पौध को धारदार चाकू से काट कर ट्रे में रखकर इसकी रोपाई की जा सकती हैं।
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पैडी ट्रांसप्लांटर के फ़ायदे
- इस कृषि यंत्र को धान की रोपाई मे उपयोग मे लाने से काफी कम मजदूरों की आवश्यकता होती है जिससे किसानों को धान की रोपाई मे कम खर्च आता है।
- इससे रोपाई करने मे समय काफी कम लगता है जिससे कि किसान कम समय मे अधिक खेत की रोपाई कर पाते है।
- यह कृषि यंत्र उचित संख्या मे पौधों की कतारबद्ध रोपाई करता है जिससे किसानों को धान की फसल मे उगे हुए खरपटवारों को निकालने मे भी आसानी होती है।
- इस यंत्र की मदद से एक दिन मे करीब 5 से 6 एकङ खेत की रोपाई की जा सकती है।
- यह कृषि यंत्र बहुत बढ़िया तरीके से बीचङो की संख्या, पौधे से पौधे की दूरी एवं इसकी गहराई आदि को एडजस्ट कर रोपाई करती है।
- इस कृषि यंत्र मे बीचङो की संख्या, पौधे से पौधे की दूरी एवं इसकी गहराई आदि को जरूरत के हिसाब से एडजस्ट किया जा सकता है यानि की किसान चाहे तो बीचङो की संख्या, पौधे से पौधे की दूरी एवं इसकी गहराई आदि को बढ़ा या घाटा भी सकते है।
कितने प्रकार के होते हैं पैडी ट्रांसप्लांटर
पैडी ट्रांसप्लांटर यंत्र दो प्रकार के बाजार मे आते है एक तो ऑटोमेटिक पैडी ट्रांसप्लांटर होती है जो की पूरी तरह से ऑटोमेटिक होती है और दुसरी हाथ से चलाने वाली मशीन होती है. जिसे हाथ की मदद से चलाकर धान की रोपाई की जाती है।
कैसे होता है पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपाई
पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपाई करना काफी आसान है इससे रोपाई करने के लिए मशीन चालक द्वारा उस पर बैठकर चलाई जाती है चालक के सीट के बगल मे दो और सीट बना होता है जो की चालक के सीट के एक दायें ओर और एक बायें की ओर बना होता है, जो की हेल्पर के लिए होता है हेल्पर का कार्य होता है धान के बीचङे को ट्रे बॉक्स मे खत्म होने पर डालते रहना जिससे की धान की बिचङा बिना किसी अंतराल के एक सही दूरी पर रोपाई हो सके। ये कृषि यंत्र खेत मे लोहे के पहिये और सडक़ पर टायर की मदद से चलती है।
इस कृषि यंत्र से धान की रोपाई करने पर चालक को रोपाई करने से पहले यंत्र की सारी सेटिंग को अच्छे से कर लेना चाहिए तथा रोपाई शुरू करने से पहले 2 से 3 मीटर चलाकर देख लेना चाहिए. चालक को ये देख लेना चाहिए की बीचङो की संख्या, पौधे से पौधे की दूरी एवं इसकी गहराई जरूरत के हिसाब से हो रहा है की नहीं।
खेत मे इस कृषि यंत्र से रोपाई करने के लिए यंत्र के ट्रे बॉक्स मे सबसे पहले बीचङे को भर ले. बीचङे को भर लेने के बाद इसकी रोपाई की सारी सेटिंग जैसे कि बीचङो की संख्या, पौधे से पौधे की दूरी एवं इसकी गहराई की सेटिंग को सेट कर इसे कुछ दूरी तक पहले चलाकर देख ले। इससे ये पता चल जाएगा कि सारी सेटिंग ठिक से काम कर रहा है कि नहीं अगर सेटिंग मे कुछ दिक्कत आता है तो उसे ठिक करके इससे रोपाई करें। इस कृषि यंत्र मे बीचङे को रखने के लिए ट्रे होता है। यह ट्रे एक छोर से दूसरे छोर तक निरंतर खिसकती रहती है। उंगलीनुमा रोपाई तंत्र ट्रे पर रखी बीचङे को लेकर खेत में रोपाई करती है जिससे की धान की बीचङे की खेत मे कतारबद्ध रोपाई होती है।
पैडी ट्रांसप्लांटर की कीमत (Dhan Lagane ki Machine Price)
वैसे तो बाजार मे कई अलग-अलग प्रकार के धान की रोपाई करने की मशीन उपलब्ध है जिससे की धान की रोपाई की जाती है अगर बात करें हाथ से चलने वाली धान रोपाई मशीन price (कीमत) की तो इसकी कीमत 10 हजार से शुरू होकर 20 हजार तक की है। ऑटोमेटिक पैडी ट्रांसप्लांटर की कीमत (dhan lagane ki machine price) 2 लाख रूपये से शुरू होकर 3 लाख रूपए तक की है ज्यादातर कंपनियों का रेट भी इसी के आसपास है।
पैडी ट्रांसप्लांटर पर सब्सिडी (Subsidy on Paddy Transplanter)
किसानों को समय-समय पर केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाती है इन सब्सिडी का लाभ उठाकर किसान महंगे कृषि यंत्र को भी सस्ते दामों पर खरीद पाते है सब्सिडी की राशि से किसानों को कृषि यंत्र खरीदने में काफी मदद मिलती है सरकार धान की रोपाई करने की मशीन पर भी सब्सिडी प्रदान करती है जिसमे कि सब्सिडी की दर सभी राज्यों में अलग-अलग होती है. अपने राज्य मे सब्सिडी के बारें मे जानकारी प्राप्त करने के लिए DBT पोर्टल या कृषि विभाग की वेबसाईट को चेक करें।
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बहुत अच्छी जानकारी है धान रोपाई की मशीनो की कीमत एंव स्टॉकिस्टों के नम्बरों को भी उपलब्ध कराने से बाजार में मुल्यों का अंतर भी पता चलता है