किसानों को खेती से बेहतर उपज प्राप्त हो साथ ही किसानों की आय मे भी वृद्धि हो इसके लिए आधुनिक तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है। बदलते समय के साथ कृषि के क्षेत्र मे भी बदलाव आया है जहाँ पहले किसानों को फसलों की बुआई एवं कटाई करने मे कई दिन लग जाते थे वहीं आज आधुनिक कृषि यंत्रों से फसलों की बुआई से लेकर कटाई तक का कार्य बहुत ही कम समय मे हो जाता है साथ ही किसानों की लागत मे भी कमी आती हैं।
पूरे विश्व मे कृषि के कार्यों के लिए नैनो टेक्नोलॉजी, ड्रोन (Agriculture Drone) एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बढ़ रहा है। हमारे देश मे भी सरकार कृषि क्षेत्र मे तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दे रही हैं। वर्तमान समय मे कृषि के क्षेत्र इन तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है हमारे देश के महराष्ट, राजस्थान आदि राज्यों मे ड्रोन का उपयोग कृषि के कार्यों को करने मे किया जा रहा हैं ड्रोन के इस्तेमाल से किसानों को खेती करने मे काफी मदद मिल रही हैं ड्रोन की मदद से बङे क्षेत्रफल मे कुछ ही मिनटों मे खाद, कीटनाशक या दवाओं का छिंङकाव आसानी से किया जा सकता है। इससे किसानों की न सिर्फ लागत मे कमी आती है बल्कि समय एवं श्रम की भी बचत होती है। आज के इस लेख मे कृषि ड्रोन के बारे मे ही जानने वाले हैं।
ड्रोन क्या हैं (what is drone in hindi)
ड्रोन एक मानव रहित विमान है जिसे दूर से रिमोट, मोबाईल या कम्प्यूटर से नियंत्रित किया जा सकता हैं। इसका उपयोग फोटोग्राफी, राहत एवं बचाव कार्य, रक्षा के क्षेत्र मे, आपदा प्रबंधन, मौसम की निगरानी एवं कृषि आदि के क्षेत्र मे किया जा रहा हैं।
ड्रोन का कृषि मे उपयोग (Use of drones in Agriculture)
- खेती मे ड्रोन के इस्तेमाल से फसलों पर कीटनाशकों का छीङकाव करना किसानों के लिए आसान हो जाता हैं क्योंकि ड्रोन इस कार्य को पारंपरिक तरीकों के तुलना मे बहुत जल्दी एवं अच्छे तरीके से करता हैं।
- इसकी मदद से फसल के नुकसान का आकलन किया जा सकता हैं।
- ड्रोन के उपयोग से खेत की सिंचाई पर निगरानी रखी जा सकता हैं ड्रोन मे लगे मल्टीस्पेक्ट्रल सेंसेर उन क्षेत्रों की पहचान कर सकती है जो क्षेत्र शुष्क हैं इसके उपयोग से किसान खेत के पूरे क्षेत्र मे बेहतर सिंचाई कर सकते हैं।
- ड्रोन का उपयोग फसल स्वास्थ्य की निगरानी करने मे भी किया जाता है।
- इसका उपयोग फसल नुकसान के आकलन मे भी किया जाता हैं इसमे लगे सेंसेर की मदद से किसान पता कर सकते है कि खेत के कौन से भाग मे फसल का ज्यादा नुकसान हुआ हैं। साथ ही खरपतवार, संक्रमण और कीटों से प्रभावित क्षेत्रों का पता लगाने मे भी मदद करता हैं।
- इसके उपयोग से किसान पशुओं पर भी नजर रख सकते हैं।
- ड्रोन में लगे कैमरों एवं सेंसेर की मदद से फसलों की देखरेख की जा सकती है।
- फसल की लंबाई ज्यादा होने से किसानों को निगरानी करना कठिन हो जाता है ऐसे मे ड्रोन फसलों की निगरानी करने मे मदद करता हैं।
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कृषि मे ड्रोन से लाभ (Benefits of drones in Agriculture)
खेती मे ड्रोन के आ जाने से किसानों को काफी लाभ मिलेगा जहां किसानों को पहले कीटनाशकों का छिङकाव करने मे काफी समय और मेहनत करना पङता था। वहीं ड्रोन से फसलों पर कीटनाशकों का छिङकाव करने मे कम समय मे ज्यादा क्षेत्र मे कीटनाशकों का छीङकाव कर पाएंगे। अन्य तरीकों की तुलना मे ड्रोन से छिङकाव 5 गुना तेज होता हैं। जहाँ पहले फसल में अचानक बीमारी आ जाने के कारण स्प्रे करना काफी मुश्किल होता था लेकिन इस ड्रोन तकनीक से एक बार में काफी बड़े क्षेत्र में छिड़काव किया जा सकता हैं। ड्रोन का इस्तेमाल कर किसान लागत में कमी और समय की बचत कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
2021 मे इफको ने नैनो-टेक्नोलॉजी पर आधारित नैनो यूरिया बाजार उपलब्ध कराया। जिसका फसलों पर प्रयोग स्प्रे या फव्वारा विधि से करना है। इसका धान की फसल मे स्प्रे करने मे किसानों को काफी मेहनत और समय लागता हैं जब धान की फसल बङी हो जाती है तो फसल मे स्प्रे करना काफी मुश्किल हो जाता हैं ऐसे मे ड्रोन से स्प्रे करना किसानों के लिए काफी आसान होगा। कृषि के क्षेत्र मे ड्रोन के उपयोग से फसल मूल्यांकन, फसलों पर कीटनाशकों एवं पोषक तत्वों के छिङकाव, उर्वरक, पानी और बीज जैसे सभी संसाधनों का बेहतर उपयोग करने मे मदद मिलेगी।
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